अगर तुलसी की पत्तियां भूरी हो जाएं तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का स्पष्ट संकेत है। ये देखभाल में लापरवाही, बीमारी या कीट संक्रमण के कारण हो सकते हैं। निम्नलिखित अवलोकन कारणों के अनुसंधान में दिशा दिखाता है।
तुलसी पर भूरे पत्तों का क्या कारण है?
तुलसी की पत्तियों का भूरा होना उपेक्षित देखभाल के कारण हो सकता है, जैसे गलत तापमान, गीला या पोषक तत्वों की कमी वाला सब्सट्रेट, या छोटे कंटेनर। उकठा, तना सड़न, पत्ती धब्बा या एफिड जैसे कीट जैसे रोग भी इसका कारण हो सकते हैं।घरेलू बगीचों के लिए जैविक नियंत्रण विधियों की सिफारिश की जाती है।
देखभाल में असफलता
चूंकि तुलसी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से स्थानांतरित हुई है, जड़ी-बूटी का पौधा पर्याप्त स्थान और सावधानीपूर्वक देखभाल पर निर्भर करता है। निम्नलिखित दोषों के कारण पत्तियाँ भूरे रंग की हो सकती हैं:
- एक स्थान जो 12 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान के साथ बहुत ठंडा है
- एक सब्सट्रेट जो बहुत गीला है या बहुत कम पोषक तत्व है
- बहुत छोटा प्लांटर
रोग एवं कीट
यदि पत्तियों के भूरे होने का कारण देखभाल संबंधी त्रुटियां नहीं हैं, तो इसके पीछे आमतौर पर निम्नलिखित बीमारियों में से एक या कोई चालाक कीट होता है:
- विल्ट या तना सड़न (फ्यूसेरियम ऑक्सीसोरम)
- पत्ती धब्बा रोग
- एफिड्स
- बार्न उल्लू
- आम घास के कीड़े
जब हॉबी गार्डन में भोजन की बात आती है तो रासायनिक एजेंटों के साथ बीमारियों और कीटों का मुकाबला करना नापसंद किया जाता है। अब प्रकृति के अनुरूप और स्वास्थ्य के लाभ के लिए जैविक नियंत्रण विधियों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है।